अंबेडकर हॉस्पिटल अब बनेगा कोरोना अस्पताल, कैंसर और रेडियो डायग्नोसिस को छोड़कर सभी विभाग दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किए जाएंगे

कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए अंबेडकर अस्पताल को अब कोरोना अस्पताल बनाया जा रहा है। अस्पताल में अब केवल कोरोना पीड़ितों को ही भर्ती किया जाएगा। कैंसर और रेडियो डायग्नोसिस विभाग को छोड़कर सभी विभाग सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल डीकेएस और जिला अस्पताल पंडरी में शिफ्ट किए जाएंगे। पीडियाट्रिक यानी बच्चों का विभाग शांतिनगर के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। कोरोना का खतरा टलने तक इसी सिस्टम से मरीजों का इलाज किया जाएगा। सरकार ने मंदिरहसौद स्थित निजी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को कोरोना के लिए अपग्रेड करने का प्लान बदल दिया है। उसी की जगह अंबेडकर अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए अधिकृत किया जा रहा है।



स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि ऑब्स एंड गायनी विभाग को जिला अस्पताल पंडरी में शिफ्ट किया जाएगा। पीडियाट्रिक विभाग के लिए निजी अस्पताल का चयन किया जा चुका है। बाकी विभाग और सारे मरीज डीकेएस में शिफ्ट कर दिए जाएंगे। अंबेडकर अस्पताल में कोरोना के हिसाब से रिनोवेशन का काम एक-दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा। रिनोवेशन के बाद यहां के वार्डों को कोरोना के मरीजों के हिसाब से आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जाएगा। अस्पताल में 700 से 800 बेड रहेंगे। अस्पताल में जरूरत के हिसाब से नए वेंटीलेटर व जरूरी मेडिकल उपकरण मंगाए जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी को रिनोवेशन का जिम्मा सौंपा गया है। जब तक कोरोना के मरीज रहेंगे, तब तक बाकी विभाग डीकेएस, जिला अस्पताल में चलेगा और वहीं मरीजों का इलाज होगा।



कैंसर की सिंकाई वाली मशीन अंबेडकर व नई बिल्डिंग में है। मरीजों के लिए बिल्डिंग भी अलग है, इसलिए शिफ्ट करने में दिक्कत होगी। यही स्थिति रेडियो डायग्नोसिस विभाग का है। एमआरआई, सीटी स्कैन से लेकर डीएसए, डिजिटल एक्सरे को शिफ्ट करना संभव नहीं है। पैथोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री व माइक्रो बायोलॉजी का कुछ हिस्सा डीकेएस में शिफ्ट होगा। ऑब्स एंड गायनी जिला अस्पताल पंडरी में इसलिए शिफ्ट किया जा रहा है, क्योंकि वहां पर्याप्त जगह है। कालीबाड़ी स्थित अस्पताल पहले से मेटरनिटी अस्पताल है। इसलिए वह पहले की तरह चलता रहेगा। पीडियाट्रिक विभाग भी बड़ा विभाग है, इसलिए उसे शांतिनगर स्थित एकता अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। शहर के बीचोबीच होने के साथ वहां बच्चों के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं जानी जा रही है।


Popular posts
छत्तीसगढ़ की पहली कोरोना पीड़ित ठीक; घर लौटने पर विजेताओं सा स्वागत, 17 दिन के इलाज के बाद एम्स से छुट्‌टी
सीएम बघेल खुद सड़क पर उतरे, सरकार ने कड़े फैसले लागू किए, इसलिए छत्तीसगढ़ में हालात काबू में
ओडिशा में एटीएम, अस्पताल छोड़कर सबकुछ बंद रहा, शाम 5 बजते ही मंदिरों का यह शहर तालियों और थालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा
Image
शहर में पूरी तरह सन्नाटा रहा, पुलिस सुबह से ही लोगों को घरों में रहने के लिए अपील करती दिखाई दी
Image